हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ more info हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
In periods for example these where by daily life has grown to be so rapid that we rarely find time for you to pray, Shiva Chalisa arrives to be a blessing for all of us.